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कैसे पीएम मोदी की आर्थिक योजनाएं भारत को निवेश और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही हैं

कैसे पीएम मोदी की आर्थिक योजनाएं भारत को निवेश और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही हैं

कैसे पीएम मोदी की आर्थिक योजनाएं भारत को निवेश और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जा रही हैं

परिचय: एक नए भारत का आर्थिक विज़न

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "आत्मनिर्भर भारत" का विज़न रखा, तब यह सिर्फ एक नारा नहीं था, बल्कि एक व्यापक आर्थिक रोडमैप था। अब भारत पूरे देश को निवेश और आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर ले जा रहा है— कृषि से लेकर रक्षा, आधारभूत ढांचे से लेकर स्टार्टअप तक।

आइये जानते हैं कि मोदी सरकार किन प्रमुख योजनाओं के ज़रिए पूरे भारत में निवेश और आर्थिक विकास को गति दे रही है।


1. GST 2.0 – खपत और निवेश को ज़ोर देने वाला सुधार

मोदी सरकार "GST 2.0" पर काम कर रही है, जिसमें वर्तमान कई स्लैब हटाकर केवल दो—5% और 18% रखना शामिल है (विशेष वस्तुएँ 40% स्लैब में रहेंगी) Financial Times
इसके प्रभाव:

  • आम उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स में कमी,

  • महंगाई में नियंत्रण,

  • निवेशकों का भरोसा बढ़ना,

  • बाजार की स्थिति में सुधार।
    यह एक स्मार्ट आर्थिक चाल है जो निवेशकों और आम लोगों दोनों को लाभ पहुंचा रही है।


2. 8% आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य और निवेश बढ़ाना

2015 की तुलना में वैश्विक अनिश्चिततायें बढ़ती जा रही हैं, ऐसे मे वित्त मंत्रालय ने अगले दशक के लिए 8% वार्षिक विकास लक्ष्य रखा है—जो मौजूदा अनुमानित 6.3–6.8% से काफी ऊपर है Reuters
सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए:

  • ग्राहक कर (personal tax) में कटौती,

  • आरबीआई द्वारा 100 बैसिस प्वाइंट तक ब्याज दर में कटौती।

इस रणनीति का मकसद घरेलू मांग बढ़ा कर भारत को स्थिरता की ओर ले जाना है।


3. रक्षा क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा

भारतीय सरकार ने ₹62,000 करोड़ के रक्षा सौदे को मंजूरी दी है जिसमें 97 Tejas Mark 1A जेट शामिल हैं The Economic Times
इस योजना से:

  • रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी,

  • Hindustan Aeronautics Limited (HAL) जैसी कंपनियों को लाभ होगा,

  • तकनीकी विकास को प्रमोट किया जाएगा।

यह "मेक इन इंडिया" नीति का सीधा आर्थिक असर है।


4. Natural Farming के ज़रिए किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "National Mission on Natural Farming (NMNF)" लॉन्च कर रहे हैं, जिसमें ₹2,481 करोड़ का बजट तय है। लक्ष्य: 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती अपनाना और 10 मिलियन किसानों की आय बढ़ाना The Times of India
इससे:

  • पर्यावरण के अनुकूल कृषि को प्रोत्साहन,

  • किसानों की आय में सुधार,

  • ग्रामीण निवेश और रोजगार के अवसर पैदा।


5. रोज़गार उत्पन्न करने वाली योजनाएं

Independence Day के मौके पर “PM-Viksit Bharat Rozgar Yojana (PM-VBRY)” की घोषणा हुई है—₹99,446 करोड़ का रोजगार पैकेज जो नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों दोनों को प्रोत्साहन देगा The Times of India
यह योजना युवा वर्ग को सीधे लाभ पहुंचाएगी, जिससे निवेश और उपभोग में बढ़ोतरी होगी।


6. आधारभूत ढांचे को गति देने वाले दो प्रमुख ग्रिड

PM Gati Shakti

$1.2 ट्रिलियन के मास्टर प्लान के तहत सड़कों, रेलवे, जलमार्ग, वायु मार्ग को जोड़कर “इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर” तैयार किया जा रहा है Wikipedia। यह निवेशकों को सुव्यवस्थित योजना और डेटा उपलब्ध कराता है।

National Infrastructure Pipeline (NIP)

2025 तक ₹1.97 लाख करोड़ (US$ 1.4 ट्रिलियन) के निवेश के साथ 7400 प्रोजेक्ट्स शामिल हैं—ऊर्जा, सड़क, शहरी विकास पर आधारित Wikipedia

इनसे भारत में निजी और विदेशी निवेश को गति मिल रही है।


7. कृषि अवसंरचना फंड का विस्तार

सरकार ने Agricultural Infrastructure Fund को विस्तारित कर किसानों, FPOs, पंचायतों को वित्त और गारंटी सुविधा उपलब्ध कराई है, जिससे कृषि क्षेत्र में निवेश और उत्पादन बढ़ेगा The Times of India


8. सार्वजनिक वित्तीय समावेशन प्राथमिकता

  • PM-KISAN, PM Fasal Bima Yojana, PM-Krishi Sinchayee Yojana जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को सीधे लाभ, बीमा, सिंचाई और स्वास्थ्य रिन्योरल सुविधा प्रदान की जा रही है DD News

  • इससे ग्रामीण India में निवेश और वित्तीय निगमन बढ़ा है।


सारांश: मुक्त निवेश के रास्ते, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण

क्षेत्रप्रमुख पहलें & निवेश रणनीति
टैक्स सुधारGST 2.0, व्यक्तिगत कर कटौती
रक्षाTejas जेट्स का निर्माण
कृषिNatural Farming, Infrastructure Fund
रोजगारPM-VBRY रोजगार योजना
इंफ़्राGati Shakti, NIP
वित्तीय समावेशनPM-KISAN, बीमा, सिंचाई योजनाएं

PM मोदी की सरकार ने निवेश, कृषि और वैश्विक आत्मनिर्भरता को एक नए स्तर पर पहुंचाया है। यह केवल घोषणाएं नहीं—व्यवहारिक आर्थिक परिवर्तन हैं, जो भारत को अगले दशक में निवेशनीय और विकसित राष्ट्र बनाने की ओर ले जाएंगे।

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